Wednesday, April 13, 2011


इक कारवां था जो गुजर गया,
इक मंजिल है जो कही दिखती नहीं.
इक पाँव हैं जो ज़मीं ढूंढते हैं,
और आँखों के ख्वाब है जो आसमां छोड़ते नहीं !!

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