Sunday, May 29, 2011

इस कदर चाहा तुझे,
कि मेरा प्यार इबादत बन गया.
और इस शिद्द्त से पूजा की तेरी,
कि आज मेरी पूजा के आगे-
मेरा भगवान छोटा पड़ गया.

Saturday, May 28, 2011

ये इंसानी दिल ही तो है,
जिसने प्यार करना सीखा था.
फिर ये आंसू क्यों आते हैं,
क्या इसका रंग इतना फीका था.
ये ज़िन्दगी कहीं नीरस न हो-
इसलिए अपने अरमानो को हम सिकोड़ते नहीं.
सामने है ये दलदल की शैय्या,
जिस पे हम सोने चले.
क्या करें हैं वो भी तो कुछ ऐसे 
जो वक़्त की कलाई मरोड़ते नहीं.


Saturday, May 14, 2011

It needs rest, a moment to relax
and turn back,
and return to cherish
the dear, tender love of the past.
a past which stores a life,
a time when I was alive.

Lucky to have it,
a chance of a life time,
the ladder of pain to climb
a rapier stabbed to the sacred,
a mystic beauty with aching scar.

Unfortunate, being dead,
living like machines
lost somewhere inside,
never to be found again,
still there, very aware
brain and heart working
at two different levels -- beware.

Wednesday, May 4, 2011

मैं

मुझमे एक ठहराव  है,
कुछ  बहता सा ठहराव,
कभी उठता है, कभी गिरता  है,
कभी मद्धम है, कभी जलता है.

शायद कुछ कहना चाहता है,
लगता है मेरे अंदर रहना चाहता है.
मुझे खुद मुझसे मिलाने की हसरत है उसकी.
हर डगर-नगर मेरे साथ है वो.
हर सफ़र-सहर मेरे साथ है वो.
अब सपना मंजिलों का नहीं,
रास्तों का है ...
कल तक जो आंसू दर्द की पहचान थे...
अब वही मीठी मुस्कान हैं.
ये नशा दर्द का जीवन दान बना.
एक शरीर और एक मन था,
शरीर आज भी है ..
मन का कन्यादान हुआ,
जीवन ने मृत्यु को किया --
ये मेरा ब्याह आध्यात्म से हुआ.